शहर की बदहाल स्थिति के लिए शहर की सरकार जिम्मेदार-श्योराण

 



-नगर निगम में भाजपा जजपा गठबंधन के 20 से अधिक प्रतिनिधि होने के बावजूद नहीं हो रहे विकास कार्य

हिसार, 7 अप्रैल।

हिसार संघर्ष समिति के अध्यक्ष एवं इनेलो नेता जितेंद्र श्योराण ने शहर की बदहाल स्थिति व नगर निगम मेंं शहरवासियों को हो रही परेशानी के लिए सीधे तौर पर शहर की सरकार को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने कहा कि नगर निगम में मेयर व नामित पार्षदों सहित 24 पार्षद हैं, जिनमें 21 पार्षद भाजपा या उसकी सहयोगी पार्टी से हैं। लेकिन प्रदेश में सरकार होने के बावजूद इन पार्षदों के खुद के वार्ड बदहाल स्थिति में है और वे आम लोगों की समस्याएं दूर करवाना तो दूर, अपने वार्ड में अपने घर के आगे भी सड़कें तक ठीक नहीं करवा पा रहे हैं। 

इनेलो नेता श्योराण ने कहा कि शहर में टूटी सड़कें, बदहाल सीवरेज व्यवस्था, बेसहारा गायें जैसी सैंकड़ों समस्याएं है, जिनसे शहरवासी हर रोज दो चार हो रहे हैं, लेकिन पार्षद केवल बयानबाजी व फोटो सेशन में व्यस्त है। ऐसे छपास रोगी पार्षद शहर में कहीं पर भी हो रहे विकास कार्य पर जाकर अपनी फोटो खिंचवा लेते हैं और मीडिया को भेज देते हैं। श्योराण ने कहा कि नगर निगम में शहर के लोग हर रोज अपनी समस्याएं लेेकर जाते हैं, लेकिन उनकी कोई सुनवाई नहीं होती। उन्होंने हैरत जताई कि पार्षद दबी जुबान में यह कबूल करते हैं कि उनकी चल नहीं रही। उन्होनें कहा कि जब प्रदेश में उनकी सरकार होने के बावजूद उनके कार्य नहीं हो रहे तो उन्हें कुर्सी को छोड़कर आमजन के साथ खड़ा हो जाना चाहिए। लेकिन वे सरकार के किसी लॉलीपोप के इंतजार में है। उन्होंने कहा कि कुछ पार्षद तो आंदोलन का बिगुल बजाने का ड्रामा कर रहे हैं। जब सरकार उनकी पार्टी की है, वे पार्टी के हिस्सेदार हैं, अगर अब भी उन्हें लोगों के काम करवाने के लिए आंदोलन का ड्रामा करना है तो उनका कुर्सी पर बैठने का कोई औचित्य नहीं है। उन्होंने कहा कि कुछ पार्षद निगम के अधिकारियों व कर्मचारियों के साथ मिलकर सुर्खियों में रहने के लिए नए नए एजेंडे ढूंढते हैं। उन्होंने कहा कि गलत हाउस टैक्स के मामले में पूरा शहर परेशान है। शहर की जनता ने पार्षद के रूप में अपने प्रतिनिधि भेजे हैं। शहर की सरकार उनकी अपनी है, केंद्र व प्रदेश में उनकी सरकार है। लेकिन वे हाउस टैक्स को ठीक तक नहीं करवा पा रहे हैं। ऐसे में उन्हें जनहित के लिए कुर्सी को छोड़ देना चाहिए। श्योराण ने शहर के एक पॉश इलाके के सामुदायिक केंद्र में एक पार्षद द्वारा कार्यालय चलाए जाने पर भी कड़ी आपत्ति जताई। उन्होंने कहा कि कम्यूनिटी सेंटर आम लोगों के सामुहिक कार्यों के लिए है। यहां पर आए दिन किसी न किसी का पारिवारिक कार्यक्रम होता रहता है, लेकिन यहां पर पार्षद अपना कार्यालय चला रहा है, जिससे आम लोगों को परेशानी उठानी पड़ती है। अगर उन्हें अपना कार्यालय चलाना ही है तो अपने घर पर चलाए, सरकारी संपत्ति का इस तरह का मिसयूज करना पूरी तरह से गलत है। इस तरह तो सभी पार्षद अपने अपने क्षेत्र में सरकारी भवन का इस्तेमाल करने लग जाएंगे। अगर उन्हें कम्यूनिटी सेंटर में अपना कार्यालय चलाना ही है तो आम शहरवासी की तरह उसका किराया अदा करे। श्योराण ने कहा कि शहर की जनता अब ऐसे स्वयंभू जनसेवक पार्षदों की असलियत पहचान चुकी है और समय आने पर इसका सूद सहित जवाब दिया जाएगा।


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