प्रोपर्टी सर्वे घोटाले में दोषियों के खिलाफ होगा जन आंदोलन


 -हिसार संघर्ष समिति ने पार्षद की कार्यशैली पर उठाए सवाल

-घोटाले में शामिल होने का लगाया आरोप

हिसार, 21 जुलाई।

शहर में एक निजी कंपनी द्वारा किए गए प्रोपर्टी सर्वे में भारी घालमेल के आरोपों के बीच हिसार संघर्ष समिति ने शहर के एक पार्षद को निशाने पर लिया है। समिति ने इस पूरे प्रकरण में व्यापक जन आंदोलन की चेतावनी देते हुए पार्षद की कार्यशैली पर सवाल उठाए और इस मामले में कोर्ट के बाहर सेटलमेंट करने का आरोप लगाते हुए अपने पद से इस्तीफा देने की मांग की है।

समिति के अध्यक्ष जितेंद्र श्योराण ने कहा कि हाउस की मीटिंग में पूरे शहर की सरकार बैठती है और शहर की सरकार पहले ही संबंधित कंपनी के सर्वे पर सवालिया निशान खड़े कर चुकी है। लेकिन इसके बावजूद कंपनी की पूरी पेमेंट कर देना, कहीं न कहीं, उनकी मिलीभगत की तरफ इशारा कर रहा है। उन्होंने कहा कि शहर में किए गए सौ बिलों में से 95 गलत है, फिर भी शहर की सरकार ने पेमेंट रोकने या कंपनी को ब्लैकलिस्ट करने की दिशा में कोई कदम नहीं उठाया और उसे पूरी पेमेंट कर दी। श्योराण ने कहा कि शहर के एक पार्षद ने समाचार पत्रों व सोशल मीडिया के माध्यम से संबंधित कंपनी के खिलाफ आवाज उठाई और लोगों से मोटा चंदा लेकर कोर्ट में मामला दर्ज किया, लेकिन बाद में कोर्ट से बाहर कंपनी से सेटलमेंट करते हुए चुप्पी साध ली और लोगों के हितों को उंचे दामों में बेच दिया। उन्होंने कहा कि अगर कोर्ट में उसी समय कार्यवाही हुई होती तो यह मामला काफी पहले ही सामने आ जाता और लोगों की भावनाओं के साथ खिलवाड़ नहीं होता। उन्होंने कहा कि अब मामला उजागर होने के बाद शहर के लोगों को बरगलाकर चंदा खाने वाले ऐसे जनप्रतिनिधियों को अपने पद से तुरंत इस्तीफा दे देना चाहिए। उन्होंने चेतावनी दी कि इस मामले में जल्द ही एक व्यापक जन आंदोलन छेड़ा जाएगा और किसी भी दोषी जनप्रतिनिधि या अधिकारी को बख्शा नहीं जाएगा।



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